![]() |
तुम्हारी बातें हँसाती है मुझे,
बेहलाती है, सताती है,
और रुलाती भी है,
कभी कभी ।
तुम्हारी यादें तड़पाती है मुझे ,
सेहलाती है,बेहकाती है,
और फुसलाती भी है,
कभी कभी ।
ये दिन ये रातें ,
वो धुप से छाओं की मुलाकातें ,
याद दिलाती है तुम्हारी
कभी कभी।
ये आँखें ये सपने
ना पराएँ है, पर अपने
कुबूल होगी हमारी दुआ ,
ये यकीन हुआ है,
बस अभी अभी। ♥
बेहलाती है, सताती है,
और रुलाती भी है,
कभी कभी ।
तुम्हारी यादें तड़पाती है मुझे ,
सेहलाती है,बेहकाती है,
और फुसलाती भी है,
कभी कभी ।
ये दिन ये रातें ,
वो धुप से छाओं की मुलाकातें ,
याद दिलाती है तुम्हारी
कभी कभी।
ये आँखें ये सपने
ना पराएँ है, पर अपने
कुबूल होगी हमारी दुआ ,
ये यकीन हुआ है,
बस अभी अभी। ♥
No comments:
Post a Comment